अभिनेता इरफान खान से जुड़े इन 14 पहलुओं को जानकर आप हैरत में पड़ जाएंगे
अभिनेता इरफान खान से जुड़े इन 14 पहलुओं को जानकर आप हैरत में पड़ जाएंगे
बिल्कुल जुदा अंदाज़। बिना किसी गॉडफादर की मदद के और बिना किसी रातों-रात की कामयाबी के, जो अभिनेता एक खास मुक़ाम पर पहुंचा है, वह कोई और नहीं, बल्कि इरफ़ान ख़ान है। वह एक शानदार अभिनेता और एक अच्छे इंसान हैं, जिन्हें आज पूर दुनिया में लोग जानते हैं।
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उनकी ज़िन्दगी भाग्य, कठोर परिश्रम और ज़बरदस्त हुनर का एक अनोखा मेल है। उन्होंने अपनी ख्याति एक-एक क़दम आगे बढ़कर प्राप्त की है। यदि आप उनके चाहने वाले फ़ैन्स से बात करेंगे, तो वे आपको ये साबित करने की पूरी कोशिश करेंगे कि अभिनय का जो हुनर इरफ़ान के पास है, वह बॉलीवुड के सभी खानों को मिलाकर भी हासिल नहीं किया जा सकता।
हालांकि, इसमें कोई दो राय नहीं है कि वह फ़िल्मी दुनिया के बेहतरीन अदाकारों में से एक हैं।
इरफान की उम्र अब 48 साल की हो गई है, लेकिन उनके लिए शोहरत एक बड़ी चुनौती थी। उनके दिन बेहद संघर्षपूर्ण रहे हैं। लेकिन अब उनकी कामयाबी उनके संघर्ष को बहुत अच्छी तरह बयान करती है।
उनके बड़े प्रशंसकों को तो उनके बारे में जरूर काफ़ी जानकारी होगी, पर वे लोग जो उनके प्रशंसक तो हैं, पर उनकी जिन्दगी के पहलुओं से अनजान हैं, हम उनके लिए यह प्रस्तुत कर रहे हैं।
1. संयोग से बन गए अभिनेता।
इरफान खान एक क्रिकेटर बनना चाहते थे, पर उनके माता-पिता ने उन्हें मना कर दिया। संयोग से उन्हें एन.एस.डी. (नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा) में जाने का मौका मिला। वह उस समय जयपुर में एम.ए. कर रहे थे। उन्हें उसमें जाने के लिए ये झूठ बोलना पड़ा कि उन्हें पहले थिएटर का अनुभव रह चुका है, पर जो भी हुआ वह अच्छा ही हुआ।
नियति के इस फैसले की वजह से ही आज हमारे सामने एक महान अभिनेता के रूप में वह मौजूद हैं। बॉलीवुड में उनके जैसे कलाकार नाममात्र ही बचे हैं।
bollycurry
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2. वह एन.एस.डी. में अंतिम वर्ष (1988) में थे, जब मीरा नायर ने उन्हें अपनी फिल्म ‘सलाम बॉम्बे’ के लिए चुना था।
अफसोस कि जब फ़िल्म रिलीज हुई, तो उनके रोल को हटा दिया गया।
ibnlive
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3. उन्होंने वर्ष 1994 से 1998 के बीच एक टीवी सीरियल में काम किया था। एक समय वह इन सब से इतने ऊब गए थे कि उन्हें लगा कि ये सब छोड़ देना चाहिए।
उस दौरान अगर आसिफ़ कपाड़िया की फिल्म ‘वॉरियर’ (2001) नहीं आती, तो इरफ़ान ख़ान शायद अभिनय से तौबा कर चुके होते। इस फिल्म को अवार्ड भी मिल चुका है। यह फिल्म राजस्थान और हिमाचल प्रदेश की जनजातियों पर आधारित है।
cinemas-online
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4. उनका असली नाम ‘साहबज़ादे इरफ़ान अली ख़ान’ है।
उनका जन्म जयपुर के टोंक गांब में हुआ था। वह एक समृद्ध परिवार में जन्मे थे, जिनका शाही लोगों से संबंध था। उनके दो छोटे भाई हैं और उनके पिता एक अमीर ज़मींदार थे, जो चाहते थे कि इरफान उनके टायर के बिज़नेस में उनका साथ दें। अच्छा हुआ कि इरफान ने ऐसा नहीं किया।
indiatimes
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5. इरफान ने अपने नाम के साथ एक अतिरिक्त ‘R’ जोड़ा था, इसलिए वे अपना नाम IRRFAN लिखते हैं।
ये किसी ज्योतिष के कहने पर , ही उन्होंने ऐसा किया ?, क्योंकि उन्हें इस अतिरिक्त ‘R’ की वजह से अपना नाम और अच्छा लगता है।
livemint
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6. उनकी लंबाई 6 फुट 1 इंच है और वे बॉलीवुड के लंबे अभिनेताओं में से एक हैं।
उनकी लंबाई करीब बिग बी जितनी ही है।
tribune
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7. ‘लंचबॉक्स’ भारत की एकमात्र ऐसी फ़िल्म है, जिसे टी.एफ.सी.ए. (टोरंटो फ़िल्म क्रिटिक्स एसोसिएशन अवार्ड) अवार्ड से सम्मानित किया गया है।
इरफान उन चुनिंदा अभिनेताओं में से हैं, जो किसी भी उम्र और किसी भी पृष्ठभूमि के किरदार को बख़ूबी निभा सकते हैं। इतने ज़बरदस्त हुनर के साथ अभी वे और बड़ी सफलताएं हासिल कर सकते हैं।
newseastwest
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8. हॉलीवुड की ‘इंटरस्टेलर’ फ़िल्म के लिए उन्हें एक बड़ा रोल दिया गया था, पर उन्होंने इसे करने से मना कर दिया, क्योंकि उन्हें उसके लिए लगभग 4 महीने तक अमेरिका में रहना पड़ता।
ऐसा उन्होंने इसलिए किया, क्योंकि वो अपनी बात के पक्के हैं। उन्होंने उस समय ‘लंचबॉक्स’ और ‘डी-डे’ के लिए समय दे रखा था।
bollywoodlife
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9. हमारे चहेते इरफान 2016 में आने वाली ‘स्पाइडर-मैन’ में खलनायक के रोल में नज़र आ सकते हैं।
2012 में आई ‘स्पाइडरमैन’ में हमें उनका अभिनय देखने का भरपूर मौका नहीं मिल पाया। उम्मीद है अब उनके प्रशंसकों की इच्छा जल्द ही पूरी हो जाएगी।
filmtrophy
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10. उनकी इच्छा है कि वे अपनी मां को पैसों से भरा एक सूटकेस उपहार में दें।
हम दुआ करते हैं कि उनकी यह इच्छा पूरी हो जाए।
dnaindia
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11. कोडेक थिएटर (जहां ऑस्कर अवार्ड का कार्यक्रम चल रहा था) के बाहर मशहूर अदाकारा जूलिया रोबर्ट्स रुक गईं थीं, क्योंकि वह इरफान को ‘स्लमडॉग मिलियनेयर’ के लिए बधाई देना चाहती थीं।
‘स्लमडॉग मिलियनेयर’ ही वह फ़िल्म थी, जिसके कारण उन्हें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शोहरत मिली।
ipcdigital cinegoer
12. उन्हें स्क्रिप्ट पढ़ने का बड़ा शौक है। वह हर हफ्ते एक नई पटकथा पढ़ लेते हैं, ताकि वे अपने किरदार को अच्छे तरीके से निभा सकें।
वह पटकथाओं को लेकर इतने गंभीर रहते हैं कि उनकी पत्नी सुतापा सिकदर जो एक लेखिका भी हैं, को ‘बनेगी अपनी बात’ सीरियल के कुछ एपिसोड कई बार दोबारा लिखने पड़े। 90 के दशक में इरफान ने इस टीवी सीरियल के क़रीब 200 एपिसोड में काम किया था।
nowrunning
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13. उन्हें लॉस एंजेल्स के एयरपोर्ट पर दो बार रोका गया था, क्योंकि उनका नाम एक आतंकवादी के नाम से मिलता-जुलता है।
इरफान कहते हैं कि “पर अब वे लोग भी मुझे जान गए हैं”।
nytimes
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14. इसके साथ ही इरफान जुरासिक पार्क फिल्म में भी दिखे।
वह कहते हैं कि एक समय ऐसा भी था, जब उनके पास जुरासिक पार्क हॉल में देखने के लिए पैसे भी नहीं थे और अब इस फिल्म में अभिनय किया है।
financialexpress
अभिनेता इरफान खान से जुड़े इन 14 पहलुओं को जानकर आप हैरत में पड़ जाएंगे
बिल्कुल जुदा अंदाज़। बिना किसी गॉडफादर की मदद के और बिना किसी रातों-रात की कामयाबी के, जो अभिनेता एक खास मुक़ाम पर पहुंचा है, वह कोई और नहीं, बल्कि इरफ़ान ख़ान है। वह एक शानदार अभिनेता और एक अच्छे इंसान हैं, जिन्हें आज पूर दुनिया में लोग जानते हैं।
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उनकी ज़िन्दगी भाग्य, कठोर परिश्रम और ज़बरदस्त हुनर का एक अनोखा मेल है। उन्होंने अपनी ख्याति एक-एक क़दम आगे बढ़कर प्राप्त की है। यदि आप उनके चाहने वाले फ़ैन्स से बात करेंगे, तो वे आपको ये साबित करने की पूरी कोशिश करेंगे कि अभिनय का जो हुनर इरफ़ान के पास है, वह बॉलीवुड के सभी खानों को मिलाकर भी हासिल नहीं किया जा सकता।
हालांकि, इसमें कोई दो राय नहीं है कि वह फ़िल्मी दुनिया के बेहतरीन अदाकारों में से एक हैं।
इरफान की उम्र अब 48 साल की हो गई है, लेकिन उनके लिए शोहरत एक बड़ी चुनौती थी। उनके दिन बेहद संघर्षपूर्ण रहे हैं। लेकिन अब उनकी कामयाबी उनके संघर्ष को बहुत अच्छी तरह बयान करती है।
उनके बड़े प्रशंसकों को तो उनके बारे में जरूर काफ़ी जानकारी होगी, पर वे लोग जो उनके प्रशंसक तो हैं, पर उनकी जिन्दगी के पहलुओं से अनजान हैं, हम उनके लिए यह प्रस्तुत कर रहे हैं।
1. संयोग से बन गए अभिनेता।
इरफान खान एक क्रिकेटर बनना चाहते थे, पर उनके माता-पिता ने उन्हें मना कर दिया। संयोग से उन्हें एन.एस.डी. (नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा) में जाने का मौका मिला। वह उस समय जयपुर में एम.ए. कर रहे थे। उन्हें उसमें जाने के लिए ये झूठ बोलना पड़ा कि उन्हें पहले थिएटर का अनुभव रह चुका है, पर जो भी हुआ वह अच्छा ही हुआ।
नियति के इस फैसले की वजह से ही आज हमारे सामने एक महान अभिनेता के रूप में वह मौजूद हैं। बॉलीवुड में उनके जैसे कलाकार नाममात्र ही बचे हैं।
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अफसोस कि जब फ़िल्म रिलीज हुई, तो उनके रोल को हटा दिया गया।
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3. उन्होंने वर्ष 1994 से 1998 के बीच एक टीवी सीरियल में काम किया था। एक समय वह इन सब से इतने ऊब गए थे कि उन्हें लगा कि ये सब छोड़ देना चाहिए।
उस दौरान अगर आसिफ़ कपाड़िया की फिल्म ‘वॉरियर’ (2001) नहीं आती, तो इरफ़ान ख़ान शायद अभिनय से तौबा कर चुके होते। इस फिल्म को अवार्ड भी मिल चुका है। यह फिल्म राजस्थान और हिमाचल प्रदेश की जनजातियों पर आधारित है।
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उनका जन्म जयपुर के टोंक गांब में हुआ था। वह एक समृद्ध परिवार में जन्मे थे, जिनका शाही लोगों से संबंध था। उनके दो छोटे भाई हैं और उनके पिता एक अमीर ज़मींदार थे, जो चाहते थे कि इरफान उनके टायर के बिज़नेस में उनका साथ दें। अच्छा हुआ कि इरफान ने ऐसा नहीं किया।
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5. इरफान ने अपने नाम के साथ एक अतिरिक्त ‘R’ जोड़ा था, इसलिए वे अपना नाम IRRFAN लिखते हैं।
ये किसी ज्योतिष के कहने पर , ही उन्होंने ऐसा किया ?, क्योंकि उन्हें इस अतिरिक्त ‘R’ की वजह से अपना नाम और अच्छा लगता है।
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7. ‘लंचबॉक्स’ भारत की एकमात्र ऐसी फ़िल्म है, जिसे टी.एफ.सी.ए. (टोरंटो फ़िल्म क्रिटिक्स एसोसिएशन अवार्ड) अवार्ड से सम्मानित किया गया है।
इरफान उन चुनिंदा अभिनेताओं में से हैं, जो किसी भी उम्र और किसी भी पृष्ठभूमि के किरदार को बख़ूबी निभा सकते हैं। इतने ज़बरदस्त हुनर के साथ अभी वे और बड़ी सफलताएं हासिल कर सकते हैं।
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ऐसा उन्होंने इसलिए किया, क्योंकि वो अपनी बात के पक्के हैं। उन्होंने उस समय ‘लंचबॉक्स’ और ‘डी-डे’ के लिए समय दे रखा था।
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9. हमारे चहेते इरफान 2016 में आने वाली ‘स्पाइडर-मैन’ में खलनायक के रोल में नज़र आ सकते हैं।
2012 में आई ‘स्पाइडरमैन’ में हमें उनका अभिनय देखने का भरपूर मौका नहीं मिल पाया। उम्मीद है अब उनके प्रशंसकों की इच्छा जल्द ही पूरी हो जाएगी।
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10. उनकी इच्छा है कि वे अपनी मां को पैसों से भरा एक सूटकेस उपहार में दें।
हम दुआ करते हैं कि उनकी यह इच्छा पूरी हो जाए।
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11. कोडेक थिएटर (जहां ऑस्कर अवार्ड का कार्यक्रम चल रहा था) के बाहर मशहूर अदाकारा जूलिया रोबर्ट्स रुक गईं थीं, क्योंकि वह इरफान को ‘स्लमडॉग मिलियनेयर’ के लिए बधाई देना चाहती थीं।
‘स्लमडॉग मिलियनेयर’ ही वह फ़िल्म थी, जिसके कारण उन्हें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शोहरत मिली।
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12. उन्हें स्क्रिप्ट पढ़ने का बड़ा शौक है। वह हर हफ्ते एक नई पटकथा पढ़ लेते हैं, ताकि वे अपने किरदार को अच्छे तरीके से निभा सकें।
वह पटकथाओं को लेकर इतने गंभीर रहते हैं कि उनकी पत्नी सुतापा सिकदर जो एक लेखिका भी हैं, को ‘बनेगी अपनी बात’ सीरियल के कुछ एपिसोड कई बार दोबारा लिखने पड़े। 90 के दशक में इरफान ने इस टीवी सीरियल के क़रीब 200 एपिसोड में काम किया था।
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13. उन्हें लॉस एंजेल्स के एयरपोर्ट पर दो बार रोका गया था, क्योंकि उनका नाम एक आतंकवादी के नाम से मिलता-जुलता है।
इरफान कहते हैं कि “पर अब वे लोग भी मुझे जान गए हैं”।
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14. इसके साथ ही इरफान जुरासिक पार्क फिल्म में भी दिखे।
वह कहते हैं कि एक समय ऐसा भी था, जब उनके पास जुरासिक पार्क हॉल में देखने के लिए पैसे भी नहीं थे और अब इस फिल्म में अभिनय किया है।
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